Sad Shayari
हँसता हूँ पर दिल में गम भरा है याद में तेरे दिल आज भी रो पड़ा है
मोहब्बत में हम उन्हें भी हारे है जो कहते थे हम सिर्फ तुम्हारे है
खामोशियां कभी बेवजह नहीं होती
कुछ दर्द ऐसे भी होते है जो आवाज़ छीन लेती है
कहाँ मिलता है अब कोई समझने वाला जोभी मिलता है समझा के चला जाता है
मुझे भी याद रखना जब लिखो तारीख वफ़ा की मैंने भी लुटाया है मोहब्बत मैं सकूँ अपना
मेरी वफा की कदर ना की अपनी पसन्द पे एतबार किया होता सुना है वो उनकी भी ना हुई मुझे छोड़ दिया था तो उसे अपना लिया होता
मैं चाहा था की जखम भर जाये
ज़ख्म ही ज़ख्म भर गए मुझ मैं
कबूल ऐ करते हे तेरे कदमो मे गिरकर
सजाए मौत मनजूर है मगर अब मोहब्बत नही करनी
ऐ ज़िन्दगी ख़त्म कर सांसों का आना जाना
मै थक चूका हूँ खुद को ज़िंदा समझते समझते
वो जिनको देख कर आँखों में आसूं जाते है
वहीं कुछ लोग ज़िन्दगी वीरान कर जाते है