मैं वक़्त बन जाऊं तू बन जाना कोई लम्हा, मैं तुझमें गुजर जाऊं तू मुझमें गुजर जाना।
नशा था तेरे प्यार का जिसमे हम खो गए, हमें भी नही पता चला कब हम तेरे हो गए।
मेरे सीने में एक दिल है उस दिल की धड़कन हो तुम…
वक्त कितना भी बदल जाए मेरी मोहब्बत कभी नही बदलेगी..!
जब किसी की रूह में उतर जाता है मोहब्बत का समंदर, तब लोग जिंदा तो होते हैं लेकिन किसी और के अंदर।
जी चाहे कि दुनिया की हर एक फ़िक्र भुला कर, दिल की बातें सुनाऊं तुझे मैं पास बिठाकर।
इन आँखों को जब तेरा दीदार हो जाता है… दिन कोई भी हो लेकिन त्यौहार हो जाता है
कुछ हदें हैं मेरी कुछ हदें हैं तेरी..! लेकिन दायरों में भी इश्क़ होता है…!
अच्छा लगता है हर रात तेरे ख्यालों में खो जाना जैसे दूर हो कर भी तेरी बाहों में सो जाना…
सिर्फ़ दो ही वक्त पर तुम्हारा साथ चाहिए, एक तो अभी और एक हमेशा के लिए